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इंडियाफर्स्ट लाइफ इन्शुरन्स कंपनी ने दी पुष्कर शर्मा को पांच साल की प्रायोजित

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Pushkar Sharma

नॉएडा: बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रवर्तित इंडियाफर्स्ट लाइफ इन्शुरन्स कंपनी लिमिटेड ने अपने एक पूर्व कर्मचारी और मुंबई अंडर-16 क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान पुष्कर शर्मा को प्रायोजित करने कि घोषणा की है। प्रतिभा को तलाश रहती है अवसर और किसी के साथ और विश्वास की और यह सत्य साबित हुई पुष्कर की ज़िन्दगी में, पुष्कर शर्मा की क्रिकेट में रुचि काफी कच्ची उम्र से थी। उन्होंने वर्ष 2014-15 में मुंबई की Under-16 टीम की कप्तानी भी की है, मुंबई जैसे स्टेट के लिए बतौर कप्तान खेलना ये उनके लिए ही नहीं हमारे लिए भी गर्व की बात है। परंतु 17 वर्ष की छोटी उम्र में पुष्कर के सर से उनके पिताजी का साया हट गया और घर की इस्तिथि ख़राब होने के बाद, क्रिकेट खेलना चोढ़ने तक का खयाल उनके मन में आने लगा था लेकिन उस वक़्त उनका साथ दिया इंडियाफर्स्ट लाइफ इन्शुरन्स कंपनी ने, जिसने उन्हें ना केवल काम बल्कि उनकी कंपनी की तरफ से खेलने का भी मौका दिया। क्रिकेट में उनकी प्रतिभा और उनकी मुंबई के कॉरपोरेट क्रिकेट और मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन मैच में अच्छे प्रदर्शन के चलते उन्हें केन्या के एक मशहूर क्रिकेट प्रतियोगिता में खेलने का मौका मिला और शायद आने वाले कुछ समय में वह केन्या की राष्ट्रीय टीम का भी हिस्सा हो सकते है। प्रतिभा को सहयोग प्रदान करना हमेशा से इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की एक अभिन्न नीति रही है जिसके चलते पुष्कर शर्मा को इंडियाफर्स्ट कंपनी ने पांच साल की प्रायोजित देने का निर्णय किया है। पुष्कर शर्मा ने कहा, “मै इंडियाफर्स्ट कम्पनी का एक हिस्सा बनने के लिए आभारी हूं, एक ऐसी कंपनी जिसने न केवल मेरी प्रतिभा को प्रोत्सतित किया है। कंपनी ने मझे अपने शुरुआती दिनों में खुद पर विश्वास करने और यहाँ तक पहुंचने में मदद की है, मै उत्साहित हूं और मझे उमीद है कि में अपना और अपने स्वर्गीय पिताजी का सपना साकार कर सकूँ, इंडियाफर्स्ट जैसी निजी कंपनियों के समाज के प्रति ऐसे योगदानों की हमे सराहना करनी चाहिए और बाकी निजी कंपनियों को भी इसी तरह समाज के विकास में अपना सहयोग देना चाहिए।

पिछले जन्म की यादें जानने के लिए ये है योग के आसन

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Vipassanā

पिछले जन्म की यादों में प्रवेश कठिन नहीं है। सिर्फ मन का एकाग्र होना जरूरी है। रात के समय किया गया प्रयोग बहुत उपयुक्त है। सोने से पहले सिर्फ दस मिनट का समय लगाएं। ध्यान मुद्रा में बैठें और आंखें बंद कर उल्टे क्रम में अपनी दिनचर्या को याद कीजिए। याद करें कि अभी ध्यान में बैठने से पहले क्‍या किया था? उसके बाद पिछली घटना को याद करें। इसी क्रम को कायम रखते हुए अपनी सभी यादें और क्रियाएं याद करते रहें। धीरे-धीरे जब यह प्रक्रिया सुचारु रूप से चलने लगेगी, तो अवधारणा शक्ति बढ़ने लगेगी। अतीत की घटनाएं याद करते-करते आप स्‍वयं पिछले जन्‍म में प्रवेश करने लगेंगे।

ध्यान के अभ्यास में जो पहली क्रिया संपन्न होती है, वह भूलने की, बेकार यादों को खाली करने की होती है। जब तक दिमाग बेकार ज्ञान, तर्क और यादों से खाली नहीं होगा, नीचे दबी हुई पुरानी बातें नहीं याद आएंगी। इन बातों का ज्ञान होते ही पूर्व जन्म का पता चलने लगता है। सुबह और शाम के समय दोनों वक्त 20-20 मिनट का ध्यान काफी है। कोई बात परेशान कर रही हो, कोई उलझन हो या मन भटक रहा हो, तो ध्‍यान न करें। यह प्रयोग किसी योग शिक्षक से सीखकर भी कर सकते हैं। तकनीकी भाषा में इस पद्धति को ‘विपश्यना’ कहते हैं। अपने अनुभव को, मन में आई बातों को गलती से भी किसी आम आदमी को न बताएं।

भारतीय किसान यूनियन ने सोहावल तहसील में किया धरना पर्दर्शन, दिए 7 बिन्दु ज्ञापन

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sohawal tehsil

सोहावल: आज फैज़ाबाद के विकासखंड सोहावल तहसील में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के द्वारा मासिक पंचायत का आयोजन किया गया । जिसमे किसानों की बढ़ती हुई समस्याओं को देखते हुए सात सूत्रीय ज्ञापन तैयार किया गया लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते ज्ञापन लेने में देरी हो जाने पर किसान उग्र हो गए और तहसील मुख्यालय के सामने जमकर नारेबाजी की उसके बाद तहसीलदार प्रथमेश कुमार ने आकर तत्काल ज्ञापन लेकर पूर्णं सहायता का आश्वासन दिया ।

पंचायत की अध्य्क्षता तहसील अध्य्क्ष रामकुमार तिवारी और संचालन जिला मीडिया प्रभारी फरीद अहमद व युवा छात्र किसान नेता सुल्तान खान ने की । इस मौके पर फरीद अहमद ने कहा किसानों की फसल बिचौलियों द्वारा मनमाने ढंग से खरीदे जाने पर किसान मायूस है इस पर रोक लगाई जानी चाहिए साथ ही साथ युवा नेता सुल्तान खान ने कहा फसलों को नीलगाय और जंगली जानवरों से बचाया जाए और पीड़ित और शोषित किसानों की मदद प्रशासन के द्वारा की जाए ।

पंचायत में प्रमुख रूप से. जिला मीडिया प्रभारी फरीद अहमद. तहसील अध्यक्ष रामकुमार तिवारी. तहसील सचिव रामसेवक प्रेम शंकर वर्मा, मोहम्मद यासीन, मंगरु राम, रामानंद, मुमताज, इरफान, अमरजीत निषाद, रमेश कुमार, लालचंद, मोहम्मद सगीर, मोहम्मद जमील, मोहम्मद जलील, नरेंद्र कुमार, विश्वकर्मा, राजन तिवारी, रामकुमार, देवीदीन, रामबहादुर, राम निहोर, राम लखन, सुशीला, सूरज कला, कमलेश कुमारी, सियारा जीसुनीता देवी जनका देवी आज सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।

बाबा का ढाबा के मालिक ने यूटूबर गौरव वसन के खिलाफ पुलिस में शिकजायत दर्ज की.

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बाबा का ढाबा के मालिक ने यूटूबेर गौरव वासन के खिलाफ पुलिस में शिकजायत दर्ज की.

वासन ने बाबा का ढाबा का वीडियो वायरल किया था और देखते ही देखते उनकी मदद करने के लिए पूरे देश में एक मुहिम चल पड़ी थी. गौरव ने एक बैंक एकाउंट शेयर किया था जिससे लोग बाबा की मदद कर सकें. यहीं से मामला शुरू होता है. बाबा का कहना है कि गौरव ने उन्हें सिर्फ 2 लाख ही दिए जबकि उनके बैंक में 20 लाख से ज्यादा पैसे आये. बैंक में कितने पैसे आये ये तो सिर्फ गौरव ही बता सकते है लेकिन इसकी जानकारी बाबा को कैसे मिली ये पता नहीं. बाबा का कहना है कि ये जानकारी उनको गौरव दे नी लेकिन उन्होंने ये भी बताया कि उनका अकाउंट सील हो गया है. हो सकता है बाबा को ये गलत फहमी हुई हो लेकिन अब ये मामले को सुलझाने के लिए पुलिस जुट गयी है.

इसी बीच लोगो का कहना है की बाबा ने रानू मंडल की याद दिला दी. अब सच और झूठ का पता तो जांच के बाद ही पता चलेगा.

अशफ़ाक़ उल्ला खा मेमोरियल शहीद शोध संस्थान ने बनाया 120 वी जयंती

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अयोध्या, 22 अक्टूबर। अशफ़ाक़ उल्ला खा मेमोरियल शहीद शोध संस्थान के प्रबंध निदेशक सूर्य कांत पाण्डेय ने कहा कि सरकारें शहीदों के सरकारी भवनों पर नियंत्रण कर सकतीं है उनके विचारों पर नहीं कर पाएगी। उन्होंने संस्थान द्वारा आयोजित अमर शहीद अशफ़ाक़ उल्ला खा की 120 वी जयंती पर आरोप लगाया कि सरकार सांप्रदायिक एकता के सबसे बड़े प्रतीक अशफ़ाक़ के महिमामंडन से खौफज़दा है।

समाजसेवी राजेन्द्र प्रसाद यादव की अध्यक्षता तथा संस्थान के उपाध्यक्ष जसवीर सिंह सेठी के संचालन में हुए जयंती समारोह में श्री पाण्डेय ने कहा कि सरकार अशफ़ाक़ उल्ला खा के शहादत स्थल पर होने वाले आयोजन को सरकार विरोधी आयोजन मानकर षड्यंत्र के तहत उसपर रोक लगा रही है, । उन्होंने कहा कि सरकार को पूर्व की सरकारों से सबक लेना चाहिए जिन्होंने क्रातिकरियो का कोई स्मारक नहीं बनाया पर वो करोड़ों देशवासियों के दिलों में जिन्दा है और युवाओं के प्रेरणास्रोत है।

इसी मौके पर युवा छात्र नेता सुल्तान खान ने कहा आज युवाओं को शहीद अशफाक उल्ला खां के आदर्शो पर चलने की जरुरत है जो देश की नफरत वाली ताकतों का मुंहतोड़ तोड़ जवाब दे सके ।
रीडगंज स्थित अजीम कम्प्यूटर पर आयोजित कार्यक्रम में अमर शहीद अशफ़ाक़ उल्ला खा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद संपन्न गोष्ठी को संस्थान के अध्यक्ष सलाम जाफरी, भाकपा माले नेता अतीक अहमद, जमशेद अहमद,रमाशंकर गुप्ता, किसान नेता अखिलेश चतुर्वेदी,विकास सोनकर, विनीत कनौजिया, मुशीर खान राजू, सुल्तान खान सहित कई लोगों ने विचार व्यक्त किया।

बिना अनुमति दाढ़ी रखने पर पुलिस अफसर ससपेंड

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बागपत उत्तर प्रदेश | इन्तेशार अली, बागपत के रमाला पुलिस स्टेशन में उप-निरीक्षक के पद पर तैनात थे। बागपत के SP अभिषेक सिंह ने बुधवार को अली के निलंबन का आदेश दिया।

बागपत पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ने पुलिस मैनुअल का हवाला दिया और कहा कि केवल सिखों को दाढ़ी रखने की अनुमति है जबकि अन्य सभी पुलिसकर्मियों को इसके लिए सक्षम अधिकारी से परमिशन लेनी होती है. इन्तेशार अली ने मीडिया को बताया कि वह दिसंबर 2019 से दाढ़ी रखने की अनुमति लेने की कोशिश कर रहें है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

जनसंपर्क अधिकारी मनोज सिंह ने बताया कि इन्तेशार अली को विभाग से अनुमति लेने के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने इसका पालन नहीं किया।

इस बीच ट्विटर पर लोगों ने कड़ी परितक्रिया दी है और इसे एक धार्मिक रंग दिया जा रहा है.

एकनाथ खडसे ने बीजेपी छोड़ा, लगाये देवेंद्र फडणवीस पर आरोप

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महाराष्ट्र: एकनाथ खडसे, जो महाराष्ट्र में भाजपा सरकार में मंत्री थे, 2016 के बाद से परेशान थे जब उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों पर इस्तीफा देने के लिए कहा गया था।

श्री खडसे ने आज कहा, “देवेंद्र फडणवीस ने मेरी जिंदगी तबाह कर दी। मैंने चार साल मानसिक तनाव में गुजारे। मैंने अपने भाषणों में बार-बार कहा कि आप मुझे पार्टी से बाहर कर रहे हैं। मुझे भाजपा छोड़ने का दुख है लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। बलात्कार के झूठे आरोपों पर मुझे दोषी ठहराने की कोशिश भी की गई।

पिछले कुछ दिनों से अटकलें थीं कि एकनाथ खडसे भाजपा छोड़ शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी (NCP) में शामिल हो सकते हैं। जब अटकलों का बाजार गरम था तब देवेंद्र फडणवीस ने कहा था: “इस तरह महूरत के बारे में हर दिन बात की जा रही है और मैं इस पर नहीं बोलूंगा।”

एकनाथ खडसे, बीजेपी के बड़े नेता थे. पिछले साल इलेक्शन में उनको टिकट न देके उनकी बेटी रोहिणी खड़से को टिकट दिया गया लेकिन वो इलेक्शन हार गयी|

एकनाथ खडसे के एनसीपी में शामिल होने से एनसीपी महाराष्ट्र में मज़बूत होगी ऐसा बताया जा रहा है.